बदहाल सिस्टम का एक और जीता जागता सबूत सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें लक्सर तहसील में तैनात एक पटवारी लोगों से पैसे लेता हुआ कैमरे में कैद हुआ है। यह वीडियो वायरल होने के बाद हालांकि, जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए पटवारी को फिलहाल निलंबित कर दिया है। लेकिन लगातार आ रहे रिश्वतखोरी के मामले हरिद्वार के भ्रष्ट हो चुके सिस्टम की तस्वीर सामने लाने के लिए काफी है। गौरतलब है कि हरिद्वार पहले से ही देश में सरकार की खिल्ली उड़ा चुका है क्योंकि कुंभ के दौरान हुए कोरोना टेस्टिंग घोटाले में जिस तरह के खुलासे हुए हैं उससे प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े होना लाजिमी है।
कुछ दिन पहले विजिलेंस ने जिला अस्पताल के बाबू को एक सिपाही से रिश्वत मांगने के आरोप में रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। वही रुड़की में आबकारी विभाग के निरीक्षक को भी विजिलेंस ने इन्हीं आरोपों में गिरफ्तार किया था। पटवारी का नाम संदीप बताया जा रहा है, जब इस बाबत उपजिलाधिकारी लक्सर शैलेन्द्र सिंह नेगी से जानकारी की तो उन्होंने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद सम्बंधित लेखपाल को कई बार दूरभाष के जरिये सम्पर्क करना चाहा तो लेखपाल द्वारा फोन नही उठाया और न ही कोई संपर्क कायम किया।
वही उपजिलाधिकारी लक्सर द्वारा लेखपाल के कृत्य की रिपोर्ट जिलाधिकारी हरिद्वार को भेज दी है।पटवारी ने जमीन नामांकन के लिए किसानों से 5 सौ रुपए रिश्वत मांगे थे। किसानों ने रिश्वत मांगते हुए पटवारी का वीडियो बनाया और फिर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।वीडियो वायरल होने के बाद जिला कलेक्टर ने तत्काल एक्शन लेते हुए पटवारी संदीप को निलंबित कर दिया है।