MadhyaPradesh : केरल जैसा आदेश देकर फंसे शिवराज चौहान?

Shivraj Chouhan : सुप्रीम कोर्ट से लेकर हिंदू संगठन तक सभी जहां कोरोना काल में केरल में ईद पर सरकार की छूट को लेकर नाराजगी दिखा रहे हैं। लेकिन वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने ईद पर मस्जिद में 50 से ज्य़ादा लोगों को इक्कठा होने की इज़ाजत दे दी। इस आदेश के बाद राज्य में हंगामा मच गया। बाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय के मामले पर सख्ती दिखाने के बाद राज्य सरकार को इस आदेश पर सफाई देनी पड़ी।

दरअसल शिवराज सिंह चौहान सरकार ने ईद से ठीक एक दिन पहले सभी जिलों में एक चिट्ठी भेजी थी। जिसमें लिखा था कि मस्जिद को छोड़कर बाकी सभी जगह सिर्फ 20 लोग से ज्य़ादा लोग इक्कठे नहीं हो सकते हैं। जबकि मस्जिद को इससे छूट दे दी गई थी। साथ ही सभी जिलाधिकारियों को इसको लागू करने के लिए लगाया था। जैसे ही ये आदेश जिलों में पहुंचा तो राज्य में बवाल मच गया। इस तरह के आदेश को लोग केरल में ईद पर कोरोना गाइडलाइंस पर तीन दिन की छूट की तरह देखने लगे। साथ ही इसकी शिकायत केंद्रीय गृह मंत्रालय तक हो गई थी। सूत्रों के मुताबिक संगठन के भीतर भी कहा गया कि जब सख्त कोरोना गाइडलाइंस की वजह से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ने जब कांवड यात्रा पर रोक लगा दी थी। तब ऐसे में बीजेपी सरकार मुस्लिम तुष्टीकरण के कारण ऐसा फैसला कैसे ले सकती है।

मामला इतना ज्यादा बढ़ता देख आनन फानन में शिवराज सरकार को अपना ये आदेश संशोधित करना पड़ा। जहां पहले मस्जिद में ईद पर मध्यप्रदेश में कितने भी लोगों के जमा होने पर छूट दे दी गई थी। बाद में केंद्र सरकार के कोरोना गाइडलाइंस की सख्ती को देखते हुए ये संख्या घटाकर 6 कर दी गई। हालांकि शिवराज सिंह चौहान सरकार के पहले वाले फैसले को लेकर लोगों में काफी नाराज़गी नजर आई, कई मुद्दों को लेकर मुखर रहने वाले संगठन LRO ने तो इसपर कहा कि जिस तरह से मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने आदेश दिया है। उससे तो लगता है कि जैसे ईदगाह में कोरोना नहीं फैलता जबकि मंदिरों में भीड़ से कोरोना फैलता है।

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