Parliament: ऑक्सीजन की कमी को लेकर रोज़ मुद्दा बनाने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र को बताया है कि दिल्ली में किसी व्यक्ति की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है। दरअसल विपक्ष ने भी केंद्र सरकार के लोकसभा में उस जवाब को मुद्दा बनाया था जिसमें उसने बताया था कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई है।
इसके जवाब में भाजपा ने भी राज्य सरकारों के रिकार्ड और हाई कोर्ट में दिए राज्यों के बयानों को सामने रख दिया। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि दिल्ली और महाराष्ट्र की सरकारों ने संबंधित हाई कोर्टस में दिए एफिडेविट में कहा है कि आक्सीजन की कमी से उनके यहां एक भी मौत नहीं हुई। भाजपा उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राहुल गांधी को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वह अपने मुख्यमंत्री से क्यों नहीं पूछते कि वहां कितनी मौतें आक्सीजन की कमी से हुईं।
पात्रा ने मंगलवार को राज्यसभा में दिए गए केंद्र सरकार के बयान पर कहा कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और केंद्र सरकार अपने स्तर पर कोई रिकार्ड तैयार नहीं करती। राज्यों की ओर से रिकार्ड उसे भेजे जाते हैं और केंद्र उनको इक्कठा करता है। केंद्र की ओर से यही कहा गया कि किसी भी राज्य ने अब तक केंद्र को नहीं बताया कि उनके यहां कोई भी मौत आक्सीजन की कमी से हुई थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, महाराष्ट्र सरकार और राहुल गांधी से उन्होंने सीधा सवाल किया कि उन्होंने कोई जानकारी क्यों नहीं दी।
रोज़ ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठाते थे केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोरोना की दूसरी लहर में रोज़ प्रेस कांफ्रेस करके दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठाकर लोगों में पैनिक फैलाया करते थे। जिसकी वजह से दिल्ली और पूरे देश में ऑक्सीजन की होर्डिंग होने लगी थी और अचानक ऑक्सीजन की कमी पूरे देश में हो गई थी। इस दौरान दिल्ली रोज़ ऑक्सीजन की ज्य़ादा डिमांड केंद्र सरकार से करते थे। बाद में ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी ने बताया कि जब दिल्ली को 300 मिट्रिक टन ऑक्सीजन गैस की जरुरत थी तो उस समय वो 1200 मिट्रिक टन के लिए रोज़ाना प्रेस कांफ्रेस कर रहे थे। उनकी लगातार प्रेस कांफ्रेस से पूरे देश में ये मैसेज चला गया कि देश में ऑक्सीजन की कमी है और लोगों ने ऑक्सीजन की होर्डिंग शुरू कर दी।