Rain in Maharastra : क्या महाराष्ट्र सरकार की लापरवाही से गई इतनी जानें ?

Barish : महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलधार बारिश की वजह से राज्य के कई इलाकों में भयानक बाढ़ आ गई है। इससे पिछले दो दिनों में 129 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। बारिश की लगातार चेतावनी के बाद भी मुंबई में बैठी उद्धव सरकार ने जिला प्रशासन को कोई मदद उपलब्ध नहीं करावाई। बाद में जब स्थिति बिगड़ने लगी तो बृहस्पतिवार को ही केंद्र सरकार ने लोगों को निकालने के लिए हैलिकॉप्टर और नौ सेना को लगा दिया था। साथ ही एनडीआरएफ की टीमें भी इलाके में लगी हुई हैं। बाद में वहां केंद्र सरकार ने सेना को भी लगा दिया है।

सूत्रों के मुताबिक राज्य सराकर अगर एक दिन पहले जाग जाती तो इतने लोगों की मौत नहीं होती। राज्य सरकार ने कई इलाकों में ना तो हैलिकॉप्टर से लोगों को निकालने की कोशिश की और ना ही जिला प्रशासन को अतिरिक्त मदद उपलब्ध करवाई। इसके बाद ही केंद्र सरकार ने जहां लोगों को निकालने के लिए हैलिकॉप्टर भेजे वहीं नौ सेना को भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए लगाया गया।
24 घंटों में रायगढ़, रत्नागिरी एवं सतारा में बाढ़ के कारण कई घर गिर गए हैं और लोग इनमें दब गए हैं।
महाराष्ट्र के समुद्रतटीय कोंकण, रायगढ़ एवं पश्चिम महाराष्ट्र में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। इसी क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध पर्यटनस्थल महाबलेश्वर में पिछले तीन दिनों में 1500 मिमी. बारिश हुई है, जोकि अपने आप में एक रिकार्ड है। भारी बरसात के कारण रत्नागिरी जिले के चिपलूण शहर बड़ा हिस्सा पानी में डूब गया है। हालांकि शुक्रवार को वहां जलस्तर थोड़ा कम हुआ है। कई इलाकों में पहाड़ों पर भूस्खलन होने से सौ से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।

रायगढ़ के तलई गांव में 38 और पोलादपुर में 11 लोगों की भूस्खलन से मौत हो चुकी है। सतारा जिले के मिरगांव में पहाड़ धंसने से 12 लोगों मारे जाने, आंबेघर में एक दर्जन से ज्यादा लोगों के दबे होने की सूचना है। रत्नागिरी के खेड तालुका स्थित धामणंद बौद्धवाड़ी में भी 17 लोग मारे गए हैं। इन सभी स्थानों पर बचाव का काम चल रहा है। मरनेवालों की संख्या बढ़ सकती है। बाढ़ में डूबे रहे चिपलूण शहर के एक कोरोना सेंटर में आक्सीजन नहीं मिलने से भी आठ लोगों की जान चली गई है। बारिश से लोगों की मौत पर प्रधानमंत्री ने भी दुख जताया है।

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