Sawan : भगवान शिव के महीने सावन में क्या करें, क्या नहीं

Shiv : आज से सावन शुरू हो गया है। हिंदू कैलेंडर के हिसाब पांचवें महीने का नाम सावन होता है। सावन महीना 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त तक रहेगा। शिव पुराण के मुताबिक अध्यात्म के हिसाब से ये महीना बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस महीना भगवान शिव का महीना है। इस महीने में भगवान की शिव की पूजा से सारे पाप खत्म हो जाते हैं।
दरअसल हिंदू पंचांग में सभी महीनों के नाम नक्षत्रों पर हैं। हर महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है , उस महीने का नाम उसी नक्षत्र पर रखा गया है। श्रावण नाम भी श्रवण नक्षत्र के नाम पर रखा गया है, जो बाद में सावन कहलाने लगा। श्रवण नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा है। सावन महीने की पूर्णिमा तिथि पर श्रवण नक्षत्र के संयोग में रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है।
सावन महीने के देवता शुक्र हैं । इस महीने में शिवजी के साथ साथ इस महीने भगवान विष्णु के श्रीधर रूप की भी पूजा करनी चाहिए।
सावन में महीने पत्तियों वाली सब्जियां नहीं खानी चाहिए। खाना सात्विक होना चाहिए। मांस भी नहीं खाना चाहिए। साथ ही हर तरह के नशे से दूर रहना चाहिए। इस महीने में ज्यादा मसालेदार भोजन खाने से परहेज करना चाहिए। इसके साथ ही ब्रह्मचर्य के नियमों का भी पालन करना चाहिए। सावन महीने में भगवान शिव के साथ विष्णु जी का अभिषेक भी करना चाहिए। सावन में शुक्र और भगवान विष्णु की पूजा करने से परिवार में सुख शांति बढ़ती है।

स्कंदपुराण के मुताबिक सावन महीने में एक समय ही भोजन करना चाहिए। इसके साथ ही पानी में बिल्वपत्र या आंवला डालकर नहाने से सभी तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। सावन के दौरान भगवान विष्णु का वास जल में होता है। इसलिए इस महीने में तीर्थ के जल से नहाने का बहुत महत्व है। मंदिरों में या संतों को दान देना चाहिए। इसके साथ ही चांदी के बर्तन में दूध, दही या पंचामृत का दान करें।

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