Breakfast Politics:कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं नाश्ते के लिए बुलाया है। संसद में जासूसी जैसे मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हो चुकी है। लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या राहुल गांधी की ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को घेरने में सफल हो सकेगी।
असल में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी सुबह नाश्ते में 14 विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात करेंगे। हालांकि बहुजन समाज पार्टी ने पहले से ही इस नाश्ते से दूरी बना ली है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी विपक्षी दलों के नेताओं के साथ सरकार को घेरने के लिए चल रहे मानसून सत्र की संयुक्त रणनीति पर चर्चा करेंगे। इसमें कांग्रेस के सभी सांसद भी मौजूद रहेंगे। वहीं कहा जा रहा है कि इसमें 14 विपक्षी दलों के नेता हिस्सा लेंगे। हालांकि इस में ज्यादातर यूपीए के ही नेता हैं। राहुल गांधी ने नाश्ते का आयोजन कॉन्स्टिट्यूब क्लब में किया गया है, जहां करीब सवा दस बजे नाश्ते के बाद विपक्षी दलों की बैठक होगी।
सपा को भी भेजा न्योता, बसपा ने बनाई दूरी
वहीं कांग्रेस की तरफ से समाजवादी पार्टी को भी न्योता भेजा है। वहीं आज की बैठक में पेगासस जासूसी और किसान आंदोलन के लिए सरकार पर हमला करने वाले विपक्ष के नेता सरकार पर दबाव बढ़ाने की रणनीति पर मंथन करेंगे। कहा जा रहा है कि इसमें द्रमुक, शिवसेना, राजद, वाम दलों, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, मुस्लिम लीग, नेशनल कांफ्रेंस समेत 14 विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है।
विपक्ष लगातार संसद में कर रहा है विरोध
असल में पेगासस जासूसी मामले को लेकर विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार पर हमला कर रहे हैं। विपक्षी दलों की मांग है कि संसद में इस मामले पर चर्चा की जाए और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच समिति गठित की जाए। वहीं सरकार जासूसी के आरोपों से इनकार कर रही है। इस मामले को लेकर पार्टियों और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है।