Pakistan Turned Hell:सोशल मीडिया में इस हमले का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि सैकड़ों लोग अचानक लाठी-डंडे लेकर मंदिर में घुस जाते हैं और मंदिर में रखी सभी मूर्तियों को तोड़ना शुरू कर देते हैं।
Pakistan Turned Hell:पाकिस्तान में पिछले कई सालों ने अल्पसंख्यक समुदाय खासतौर से हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। पाकिस्तान में एक बार फिर पाकिस्तान में एक मंदिर को निशाना बनाया गया। ये मामला पंजाब प्रांत के सादिकाबाद जिले के भोंग शरीफ गांव का है। जहां बुधवार शाम को मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया और सिद्धिविनायक मंदिर में तोड़फोड़ की गई। जबकि वहां पर पुलिस भी मौजूद थी। लेकिन कट्टरपंथी मुस्लिमों के सामने वह कुछ नहीं कर सकी।
सोशल मीडिया में इस हमले का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि सैकड़ों लोग अचानक लाठी-डंडे लेकर मंदिर में घुस जाते हैं और मंदिर में रखी सभी मूर्तियों को तोड़ना शुरू कर देते हैं। इस वीडियो में मुस्लिमों की भीड़ मंदिर के कई हिस्सों को नुकसान पहुंच रही है और आसपास पुलिस भी तैनात है। वहीं बताया जा रहा है कि मुस्लिम कट्टरपंथियों को काबू में करने के लिए पाकिस्तान रेंजर्स को बुलाया गया है और इसके बाद पुलिस हरकत में आ गई और मंदिर के पास भारी पुलिस बल तैनात कर मामले की जांच कर रही है।
इमरान खान शासन में बढ़े हिंदुओं पर अत्याचार
वहीं पाकिस्तान में 2018 में इमरान खान की सरकार बनने के बाद हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ गए हैं। क्योंकि पाकिस्तान की इमरान खान सरकार और पाकिस्तान सेना कट्टरपंथियों को समर्थन देती है और उनकी छत्रछाया में पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार किए जा रहे हैं। वहीं मंदिर पर हमले के बाद इमरान खान के विशेष सहायक डॉ शाहबाज गिल ने ट्वीट किया है और इसे बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है।
पीटीआई के हिंदू सांसद ने की निंदा
वहीं पाकिस्तान में इमरान खान की सत्ताधारी पार्टी के हिंदू सांसद रमेश वनवानी ने भोंग शरीफ के गणेश मंदिर में हमले की निंदा की है और दोषियों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा की मांग की है। जबकि इसकराची में रहने वाले पंचमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी रामनाथ मिश्र ने इस घटना को बेहद शर्मनाक बताया और दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की। कुछ महीने पहले पाकिस्तान में भी एक मंदिर पर हमला कर तोड़फोड़ की थी। जिसके बाद हिंदुओं को सरकार के दबाव में मुस्लिमों को माफ करना पड़ा था।