Trouble in Election Year:कैप्टन सरकार के लिए मुसीबत बनी महिलाओं के लिए बसों में मुफ्त सेवा, ट्रांसपोर्टरों ने सरेंडर किए परमिट

Trouble in Election Year:हाल ही में पंजाब सरकार की ओर से महिलाओं के लिए शुरू की गई मुफ्त बस यात्रा योजना से भले ही सरकारी खजाने पर बोझ पड़ा है लेकिन इससे निजी ट्रांसपोर्टरों को नुकसान ङोलना पड़ रहा है।

Trouble in Election Year:पंजाब की कैप्टन अमरिंदर का फैसला अब उनके गली की हड्डी बनी गई है। पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों की ओर से जिन मुफ्त सुविधाओं के एलान किए जा रहे हैं उससे भविष्य में सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ने की संभावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता। परंतु हाल ही में पंजाब सरकार की ओर से महिलाओं के लिए शुरू की गई मुफ्त बस यात्र योजना से भले ही सरकारी खजाने पर बोझ पड़ा है लेकिन इससे निजी ट्रांसपोर्टरों को नुकसान ङोलना पड़ रहा है। इसी कारण करीब दो दर्जन से ज्यादा ट्रांसपोर्टरों ने बसों के रूट परमिट सरेंडर कर दिए हैं। इसका बड़ा कारण पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी की बसों में यात्रियों की संख्या भी 54 फीसद से बढ़कर 86 फीसद तक पहुंच गई है।

स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के दफ्तर से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक दो दर्जन से ज्यादा निजी ट्रांसपोर्टरों ने अब नए साल का टैक्स बचाने के लिए अतिरिक्त परमिटों को सरेंडर कर दिया है ताकि उन्हें ज्यादा नुकसान न हो। डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट भूपेंद्र सिंह का कहना है कि इससे रोडवेज व पनबस की पांच रुपये प्रति किमी आय बढ़ी है। कहा जा सकता है कि इससे सरकारी बसों की आय में प्रतिदिन बीस लाख रुपये तक बढ़ोतरी हुई है।

सरकार जारी कर रही क्लेम की गई राशि

सरकार ने पनबस और रोडवेज को उनके क्लेम के अनुसार राशि मुहैया करवानी शुरू कर दी है। महिलाओं को मुफ्त सफर करवाने पर रोडवेज ने एक अप्रैल से 16 जुलाई तक 8.79 करोड़ और पनबस ने 35.93 करोड़ के क्लेम भेजे हैं। सरकार ने 22.95 करोड़ रुपये अदा कर दिए हैं। पीआरटीसी की ओर से भेजे गए 39.47 करोड़ के मुकाबले 15.91 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

रोडवेज और पनबस के बेड़े में शामिल होंगी 592 नई बसें

सरकार ने यात्रियों की बढ़ती संख्या को बढ़ते देख रोडवेज और पनबस के बेड़े में नई बसें शामिल करने को भी मंजूरी दे दी है। मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि निजी बस आपरेटरों की ओर से सरेंडर किए जाने वाले रूट परमिट पर सरकार अपनी बसें चला सकती है। डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पंजाब रोडवेज और पनबस में 592 नई बसें शामिल होंगी।

सरकार को मिलने लगी आरोपों से राहत

महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा देने से सरकार पर निजी ट्रांसपोर्ट को कंट्रोल न करने के जो आरोप लग रहे थे उससे सरकार को छुटकारा मिलने लगा है। इसका कारण यह है कि परिवार के साथ बसों में सफर करने वाले यात्री अब सरकारी बसों को तवज्जो देने लगे हैं।

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