Hockey Village Mithapur: जालंधर के मीठापुर गांव में हर रोज़ की तरह बच्चे अपनी अपनी हॉकी स्टिक के साथ गांव के ही स्टेडियम में जमकर पसीना बहा रहे हैं। बहाएं भी क्यों ना उन्हें भी कप्तान मनप्रीत सिंह की तरह देश के लिए हॉकी खेलनी और मेडल लेकर आना है। दरअसल इस छोटे से गांव में इतने अंतरराष्ट्रीय हॉकी प्लेयर हैं कि यहां का हर बच्चा उसी तर्ज पर हॉकी लेकर देश के खेलने का सपना बुने हुए है।
पंजाब का ये गांव इन दिनों पूरे देश में सुर्खियों में है। इस गांव की चर्चा सभी जगह हो रही है। दरअसल ओलंपिक में ब्रॉन्ज जीतने वाली टीम के तीन खिलाड़ी इस एक गांव के ही हैं। कप्तान मनप्रीत सिंह, मनदीप सिंह और वरुण कुमार। अगर जलंधर की बात की जाए तो इस जिले के चार खिलाड़ी इस टीम में थे। हार्दिक सिंह भी जलंधर के खुर्सोपुर गांव के ही हैं। इतना ही नहीं मीठापुर में तो पहले भी दो हॉकी में दो ओलंपिक मेडल भी आ चुके हैं। इसी गांव के ओलंपियन स्वरूप सिंह (1952) में इस गांव का पहला गोल्ड लेकर आए थे। फिर 1972 में कुलवंत सिंह दूसरा ओलंपिक मेडल लेकर आए। पूर्व ओलंपियन और भारतीय टीम के कप्तान रहे परगट सिंह भी मीठापुर के ही है। उसके बाद इस गांव से टीम में खिलाड़ी तो रहे, लेकिन मेडल नहीं आया। लेकिन अब देश के साथ साथ इस गांव में मेडल का सूखा भी खत्म हो गया है। इसलिए गांव में लगातार जश्न चल रहा है।
कप्तान मनप्रीत सिंह की मां मनजीत कौर ने कहा कि“12 साल से अधिक की कड़ी मेहनत ने आखिरकार मनप्रीत और उनके साथियों को फल मिला है। हमें लग रहा था कि स्वर्ण पदक आएगा, लेकिन कांस्य पदक उतना ही कीमती है। भारत अगली बार स्वर्ण जीतेगा, ”।