Festival of Rakhi:आचार्य जिज्ञासु ने बताया कि 22 अगस्त दिन रविवार को रक्षाबंधन पर धनिष्ठा नक्षत्र एवं शोभन योग के साथ श्रवणी पूर्णिमा होने से इस दिन की महत्ता और बढ़ गई है।
Festival of Rakhi:भाई-बहन का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन का पर्व 22 अगस्त रविवार को धनिष्ठा नक्षत्र में मनाया जाएगा। ज्योतिष आचार्यो की मानें तो रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया नहीं पड़ने से पूरे दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध उनकी लंबी उम्र की कामना करेंगी। वहीं, भाई उपहार देकर सुख-दुख में साथ निभाने का वादा करेंगे।
ग्रह-नक्षत्रों का बना युग्म संयोग
आचार्य जिज्ञासु ने बताया कि 22 अगस्त दिन रविवार को रक्षाबंधन पर धनिष्ठा नक्षत्र एवं शोभन योग के साथ श्रवणी पूर्णिमा होने से इस दिन की महत्ता और बढ़ गई है। तिथि में हेर-फेर से इस बार सावन 29 दिनों का है। वहीं, व्रत की पूर्णिमा 21 अगस्त को मनाई जाएगी।
पंचांगों के हवाले आचार्य जिज्ञासु ने बताया कि सावन की पूर्णिमा 21 अगस्त दिन शनिवार को शाम छह बजकर 10 मिनट से आरंभ होगा, जो 22 अगस्त रविवार को शाम पांच बजकर एक मिनट के बाद समापन होगा। उदया तिथि मान्य होने के कारण 22 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनेगा। पूरे दिन बहनें भाई को राखी बांध सकती हैं। भद्रा रहित काल में राखी बांधने से सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है। इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा की नजर नहीं लगेगी।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
-लाभ योग: सुबह 08:40 बजे से 10:16 बजे तक
-अमृत योग: सुबह 10:16 बजे से दोपहर 11:52 बजे तक
-अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:27 बजे से 12:18 बजे तक
-शुभ योग: दोपहर 01:29 से शाम 03 :05 बजे तक
-गुली काल मुहूर्त: शाम 03:05 से 04 : 41 बजे तक