केदारनाथ धाम में धूमधाम से मनाया गया अन्नकूट पर्व
देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारी, तीर्थ पुरोहित एवं निर्माण कार्य कर रही कंपनी के कर्मचारी रहे मौजूद
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में भी धूमधाम से मनाया गया अन्नकूट पर्व
सोशियल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भजन- कीर्तन, महिला संगीत, वेदपाठ का किया गया आयोजन
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम में हर साल की तरह इस बार भी रक्षाबंधन से पूर्व रात्रि को भतूज (अन्नकूट) पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान कोविड गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया गया। देर रात भगवान शिव के स्वयूंलिंग को पके चावलों का भोग लगाया गया, जिसके बाद भगवान शंकर की विशेष पूजा अर्चना की गई।
केदारनाथ धाम में शनिवार रात अन्नकूट पर्व मनाया गया। कोविड मानकों का पालन करते हुए कार्यक्रम में तीर्थ पुरोहित, हक-हकूक धारी एवं देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों ने भगवान केदारनाथ को पके चावलों का भोग लगाया। सदियों से चली आ रही परम्परा के तहत केदारनाथ में अन्नकूट पर्व को मनाया गया। मान्यता है कि भगवान शिव नए अनाजों के विष का शमन करते है। देर रात स्यंभूशिवलिंग को पके चावलों से ढका गया और सुबह चार बजे उन चावलों को मंदाकिनी नदी में प्रवाहित किया गया। इसके बाद पुजारी बागेश लिंग ने भगवान केदारनाथ का अभिषेक पूजन किया। इस दौरान तीर्थ पुरोहित, हक-हकूकधारी, पुलिस जवान एवं पुनर्निर्माण कार्यो में जुटे कर्मचारी मौजूद रहे।
वहीं दूसरी ओर श्री विश्वनाथ मंदिर में रक्षा बंधन पर्व से पूर्व अन्नकूट भतूज पर्व मनाया गया इस अवसर पर मंदिर को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया था। इस अवसर पर भजन कीर्तन का भी आयोजन होगा।
देवस्थानम बोर्ड के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि विश्वनाथ मंदिर में अन्नकूट मेले पर पंच केदार सेवा एवं सांस्कृतिक मंच केदारघाटी द्वारा भजन- कीर्तन, महिला संगीत, वेदपाठ का आयोजन किया गया। आरती के बाद विश्वनाथ जी के स्यंभू शिवलिंग को पके चावलों का भोग लगाया गया।
भगवान शिव की कृपा से नये अन्न से विष का शमन हो जाता है। इस तरह भतूज पर्व मनाया गया। इस अवसर पर पुजारी शशिधर लिंग, प्रबंधक भगवती सेमवाल सहित, सांस्कृतिक मंच के कृष्णानंद नौटियाल, वीरेश्वर भट्ट, प्रमोद कैशिव सहित आचार्य वेदपाठी गण मौजूद रहे।