Uttarakhand: बांगर क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उपवास पर बैठे उक्रांद कार्यकर्ता

बांगर क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उपवास पर बैठे उक्रांद कार्यकर्ता
सड़क, स्वास्थ्य, संचार, पर्यटन, रोजगार सहित अन्य मुद्दों को लेकर मुखरता से उठी आवाज
क्षेत्र के ग्रामीणों ने उत्तराखण्ड क्रांति दल को दिया समर्थन
Uttarakhand: रुद्रप्रयाग जिले के बांगर क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल ने रणधार में उपवास किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय युवा समर्थन में पहुँचे।
बता दें कि बांगर क्षेत्र आज भी विकास से अछूता है। यहां सड़कें और स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। संचार क्रांति के युग में कई गांव संचार सेवा से वंचित हैं। पर्यटन की दृष्टि से कई संभावनाओं को समेटे इस क्षेत्र की आज तक उपेक्षा ही हुई है। जबकि पर्यटन को बढ़ावा देकर यहां युवाओं को रोजगार दिया जा सकता था। इसके साथ ही आपदा प्रभावित परिवारों का आज तक विस्थापन नहीं हो पाया है। पश्चिमी और पूर्वी बांगर को आपस में सड़क मार्ग से जोड़ने की बहुप्रतीक्षित मांग भी ठंडे बस्ते में है।एलोपैथिक चिकित्सालय रणधार बांगर में डॉक्टर और फार्मासिस्ट तक नहीं है। यह चिकित्सालय वर्क वार्ड बॉय के भरोसे चल रहा है। ऐसे में चिकित्सालय भवन शोपीस बनकर रह गया है। उक्रांद नेताओं ने कहा कि बांगर क्षेत्र के विकास के लिए वह अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ेंगे।
उक्रांद के उपवास को समर्थन देने पहुंचे ग्रामीणों ने कहा कि पश्चिमी बांगर के बधाणी से पूर्वी बांगर के भेडारु तक मोटरमार्ग निर्माण की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन आज तक इस सड़क को लेकर जनता को झूठे वादे किए गए। अब जनता सड़कों पर उतरकर अपने हक की लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मयाली-रणधार-बधाणी मोटरमार्ग को हॉटमिक्स और गोरपा-सिरवाड़ी व लिस्वालटा मोटरमार्ग का डामरीकरण किया जाय। साथ ही भटवाड़ी-पुजारगांव मोटरमार्ग एवं गंगानगर-वासुदेव मोटरमार्ग का निर्माण किया जाय। लंबे समय से स्थानीय लोग सड़क सुधारीकरण की मांग कर रहे हैं।
बांगर क्षेत्र को टूरिस्ट डेस्टिनेशन घोषित करने की मांग को भी प्रमुखता से उठाया और कहा कि पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं देने की दिशा में काम किया जाय। बधाणीताल का सुन्दरीकरण किया जाय और होम स्टे योजना से युवाओं को जोड़ा जाए। उन्होंने सैनिक बाहुल्य गांव धारकुड़ी गांव को सैनिक गांव घोषित करने की भी वकालत की। उक्रांद नेता मोहित डिमरी, आजाद पंवार, अरविंद सेमवाल, उम्मेद सिंह पंवार, समाजसेवी वंदना रावत ने कहा कि संचार क्रांति इस इस दौर में कई गांव संचार सेवा से वंचित हैं। लिस्वालटा, धारकुड़ी, गेंठाना सहित कई गांव संचार सेवा से महरूम हैं। सिरवाड़ी, पुजारगांव सहित अन्य गांवों के आपदा प्रभावित परिवारों को विस्थापित किया जाय। इन प्रभावित परिवारों के सामने गंभीर संकट बना हुआ है।

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