Punjab Congress: सिद्धू और कैप्टन की लड़ाई शक्ति प्रदर्शन तक पहुंची?

पंजाब में कांग्रेस में आपसी खींचतान चरम पर है, पहले नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर घमासान मचा था, अब सिद्धू और उनके समर्थक कैप्टन पर दबाव बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री बदलने की कोशिशों में लगे हुए हैं। हालांकि इसके जवाब में कैप्टन ने दिखा दिया कि ज्य़ादातर विधायक उनके साथ हैं।

Punjab Congress: पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच शह और मात का खेल अब शक्ति प्रदर्शन तक पहुंच गया है। पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के सिद्धू ग्रुप के विधायकों को देहरादुन से बैरंग लौटाने के बाद अब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चंडीगढ़ में डिनर पर शक्ति प्रदर्शन किया। जिसमें 58 विधायक और 8 सांसदों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। यही नहीं, करीब 30 वो नेता भी शामिल हुए, जो पिछली बार विधानसभा चुनाव हार गए थे।
ये डिनर खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी के घर पर अमरिंदर का सियासी डिनर रखा गया। विधायकों को ये बताया गया था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह इसमें शामिल रहेंगे। ख़ास बात ये है कि डिनर जिस घर में था, उसमें सिद्धू मंत्री रहते हुए रहा करते थे।
यही नहीं, इस डिनर में 10 वे विधायक भी शामिल हुए, जो बगावत करने वाले धड़े के साथ बैठक में शामिल हुए थे। जाहिर तौर पर अब कैप्टन खेमे ने संदेश दिया है कि पंजाब में उनकी कुर्सी सिर्फ हाईकमान के सपोर्ट ही नहीं बल्कि बहुमत के लिहाज से भी पूरी तरह सुरक्षित है। अमरिंदर सिंह ने भी सिद्धू और उनके समर्थको को संदेश दे दिया है कि भले वो पार्टी प्रधान बन गए हों लेकिन पंजाब में कांग्रेस के कैप्टन वो ही हैं।
इस डिनर शक्ति प्रदर्शन के बाद कैप्टन की कुर्सी को चुनौती देने वाला बागी धड़ा कांग्रेस के भीतर अलग-थलग पड़ गया है। दरअसल पार्टी के अध्यक्ष बनने के बाद अब नवजोत सिंह सिद्धू और उनके समर्थकों की कोशिश अमरिंदर को हटाने की भी होने लगी थी। लिहाजा चंडीगढ़ से जोश में देहरादून पहुंचे मंत्रियों को कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने खाली हाथ लौटा दिया। यह भी साफ कर दिया गया था कि नवजोत सिद्धू पार्टी प्रधान जरूर हैं, लेकिन कांग्रेस में उनकी मनमानी नहीं चलेगी।
नवजोत सिंह सिद्धू की शह पर जिन मंत्रियों ने बगावत की, अब उनके साथ गिने-चुने विधायक ही रह गए हैं। माझा के तीनों मंत्री बाजवा, रंधावा व सरकारिया केबिनेट की बैठक में भी नहीं आए ।

डिनर के बाद विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा ने कहा कि विरोध करने वालों की बिल्ली थैले से बाहर आ गई है। यह भी साफ हो गया है कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ही कांग्रेस को सत्ता में ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि बगावत करने वालों ने अपना मुंह कड़वा किया है। बागी धड़े से आए विधायकों ने भी कहा कि वो जरूर उनकी बैठक में गए थे, लेकिन कैप्टन को हटाने की मांग से सहमत नहीं।

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