Anti India Reporters Missing: जलती लाशों की फोटो बेचने वाले पत्रकार क्यों हुए चुप्प?

Anti India Reporters Missing: अमेरिका में एक बार फिर कोरोना ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। हालत ये है कि वहां कई प्रांतों में ऑक्सीजन से लेकर बेड और दवाइयों की भारी किल्लत है, लाशों को अस्पातलों में रखने की जगह भी नहीं है, लेकिन जो भारतीय कथित पत्रकार भारत में जलती हुई लाशों की तस्वीरें न्यूयार्क टाइम्स और अन्य संस्थानों बेचकर पैसा कमा रहे थे। वो अब अमेरिका में मेडिकल सिस्टम के घराशाई होने पर चुप हैं।
अमेरिका में पिछले 24 घंटों में 2.5 लाख से ज्य़ादा कोरोना के मामले सामने आएं है, फ्लोरिडा, टैक्सेस, एलबामा ओहियो और ओरलैंडो की हालत काफी खराब है। फ्लोरिडा में तो अस्पतालों में लाशों को रखने की जगह भी नहीं है, लिहाजा गाड़ियों के रेफ्रिजेटर्स में कोरोना से मरने वालों की लाशें रखी जा रही हैं। वहां 24 घंटों से भी कम की ऑक्सीजन बची है, जार्जिया में आईसीयू बेड नहीं बचे हैं। यही हालत लगभग पूरे अमेरिका की है। अमेरिका में 77 परसेंट आईसीयू बेड भरे हुए हैं, नए केसज में 12 परसेंट की बढ़ोतरी हो गई है। कोरोना से मौत में भी 23 परसेंट की बढ़ोतरी हो गई है।
लेकिन इस सबकी कोई फोटोग्राफ कहीं भी आपको देखने को नहीं मिलेंगी, कहीं किसी वायर या अखबार में ये स्टोरी आपको नहीं मिलेगी। जबकि भारत में दूसरी लहर के पीक के समय जब मेडिकल सिस्टम बिखर गया था तो भारत में जलती हुई लाशों की फोटो कुछ चुनिंदा भारतीय पत्रकारों ने दुनिया के बड़े बड़े अख़बारों में मोटे पैसों में बेची थी। कई पत्रकारों ने तो शमशान के बाहर से विदेशी न्यूज एजेंसियों के लिए लाइव तक किए थे। लेकिन अब यहीं कथित पत्रकार अमेरिका में कोरोना से मचे हाहाकार को छुपाने में लगे हैं।
इसकी वजह से बहुत सारे देशों ने भारत से आने जाने वाले लोगों पर बैन तो लगाया था, दुनिया में भारत की छवि बुरी तरह से खराब हुई थी। ख़ास बात ये है कि कुछ भारतीय लेखकों और पत्रकारों ने यहां के मेडिकल सिस्टम और सरकार के फेलियर पर बड़े बड़े लेख भी विदेशी अख़बारों के लिए लिखे थे। जिनमें राणा अयुब, बरखा दत्त प्रमुख थी। बरखा दत्त ने तो अपने पिता की मौत पर सिस्टम को कोसने के लिए सीएनएन पर झुठ तक बोला था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *