Soft Terrorist Geelani: आखिर क्यों नफरत की जाए गिलानी से, पढ़िए कश्मीरियों की जुबानी

Soft Terrorist Geelani: पाकिस्तान के इशारों पर चलने वाली हुर्रियत के पूर्व नेता सैयद की मौत से सोशल मीडिया पर खुशी जताई जा रही है। ख़ासकर कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर में हुई त्रादसी के लिए गिलानी को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही पाकिस्तान के एक दिन के राष्ट्रीय शोक के बाद तो लोगों का गुस्सा गिलानी पर फूट पड़ा है।


कश्मीरी हिंदुओं की संस्था के साथ काम करने वाले संजय गंजू ने theekhabar.com को बताया कि, “गिलानी वो चेहरा था, जिसने सबसे पहले आगे आकर अलगाव की ना सिर्फ बात की, बल्कि उसने कश्मीरी हिंदुओं के खिलाफ घाटी में एक हिंसात्मक मुहिम शुरु करवाई। 1987 में मुस्लिम युनाइटेड फ्रंट बना था, तो ये उसमें सबसे वरिष्ठ नेता था। उसके बाद इसने अलगाववाद और आतंकवाद को कश्मीर घाटी में लीड दी। इसके बाद से ही वहां हिंसा का दौर शुरु हुआ था, उसने खुद तो बंदुक नहीं उठाई, लेकिन हज़ारों युवाओं के हाथों में पाकिस्तान के कहने पर बंदुक का रास्ता दिखाया”।


पत्रकार आदित्य कौल ने तो अपना एक पुराना विडियो ट्विट करते हुए कहा है कि “पिछले तीन दशकों से कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने, आम कश्मीरी युवाओं को हिंसा की आग में झौंकने वाला गिलानी अब नहीं रहा”।

वरिष्ठ पत्रकार आरती टिक्कू ने लिखा कि, “पाकिस्तान की खातिर सैकड़ों कश्मीरी मुसलमानों को जिहादी आतंकवाद में धकेलने वाले इस्लामवादी सैयद अली शाह गिलानी की मौत हो गई है। वो कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार के लिए जिम्मेदार था। वह इतिहास में एक हारे हुए जिहादी के तौर पर ही रहेगा और जिसे पाकिस्तान ने भी फेंक दिया”।

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