Taliban infighting: अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के गठन को लेकर पाकिस्तानी समर्थक हक्कानी ग्रुप और तालिबान के बीच झगड़ा बहुत ज्य़ादा बढ़ गया है। ख़बरें है कि परसों रात को जो सेलिब्रेशन वाली हवाई फायरिंग बताई जा रही थी, वो अब्दुल गनी बरादर के महल के बाहर हक्कानी ग्रुप ने की थी। इसको लेकर पंजशीर आब्जरवर ने ट्वीट कर बताया है कि इन दोनों गुटों के बीच हुई फायरिंग में अब्दुल गनी बरादर घायल हो गया है। दोनों ग्रुप्स के बीच प्रधानमंत्री बनने को लेकर झगड़ा चल रहा है।
आतंकवादियों के नेटवर्क हक्कानी ग्रुप के लोग अपने लोगों को प्रधानमंत्री और आंतरिक सुरक्षा मंत्री बनाना चाहते हैं। जबकि कंधार तालिबान अब्दुल गनी बरादर और हैबतुल्ला को प्रमुख स्थान देना चाहता है। इस चक्कर में दोनों के बीच झगड़ा चल रहा है और सरकार बनने में देरी हो रही है।
उधर भारतीय एजेंसियां स्थिति पर कड़ी निगरानी कर रही हैं। एक बड़े अधिकारी ने theekhabar.com को बताया कि परसों रात जो फायरिंग की गई थी। वो सेलिब्रेशन वाली फायरिंग नहीं थी। बल्कि जिस महल में बरादर ठहरा हुआ है। उसके बाहर कई लाख गोलियां हवा में चलाई गई हैं। ताकि कंधारी तालिबान ग्रुप को डराया जा सके। इसमें कुछ लोग मारे भी गई हैं। हालांकि अपुष्ट ख़बरों के मुताबिक इसमें अब्दुल गनी बरादर घायल हो गया है और उसे पाकिस्तान में इलाज के लिए लेकर गए हैं। इसी वजह से आईएसआई का चीफ तुरंत वहां पहुंचा था। ताकि दोनों के बीच की लड़ाई युद्ध में ना बदले। उधर बरादर के घायल होने की ख़बर पंजशीर के हैंडल से सोशल मीडिया पर भी दी गई है। हालांकि इसकी पुष्टि होनी अभी बाकी है।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक दोनों ग्रुप्स में प्रधानमंत्री और आंतरिक मंत्री बनाने को लेकर ही झगड़ा है। जहां हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तानी आकाओं के मुताबिक प्रधानमंत्री पद हथियाना चाहता है। जिसपर वो हक्कानी ग्रुप के संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी के बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी को प्रधानमंत्री बनाना चाहता है। इसके साथ ही सिराजुद्दीन के भाई अनस हक्कानी को भी सरकार में कोई महत्वपूर्ण पद देना चाहते हैं। लेकिन दोनों के सिर पर ईनाम है और दोनों अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी होने की वजह से कंधारी तालिबान इसके खिलाफ है।