Rewarded Terrorist now Afghan PM: आतंकियों की सरकार बनी

तालिबानी आतंकियों ने लंबी जद्दोजहद के बाद किया सरकार का ऐलान

संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में शामिल आतंकी बना अफगान पीएम

सरकार पर पाकिस्तान की छाया

हक्कानी नेटवर्क का सरकार में दबदबा

Rewarded Terrorist now Afghan PM: तालिबान आतंकियों ने दुनियाभर के बड़े बड़े ईनाम वाले आतंकियों को मिलाकर एक सरकार का ऐलान कर दिया है। संयुक्‍त राष्‍ट्र (UN) की आतंकी सूची सबसे पहले आतंकी नामों में शामिल मुल्‍ला मोहम्‍मद हसन अखुंद (Mullah Mohammad Hassan Akhund) को प्रधानमंत्री बनाया दिया गया है। वहीं तालिबान आतंकियों के राजनीतिक कार्यालय का अध्यक्ष और डिप्टी पीएम एक अन्य आतंकी मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Mullah Abdul Ghani Baradar) बना है। ये भी आतंकियों की लिस्ट में मोस्ट वांटेड है। दूसरे डिप्टी पीएम का पद मौलवी हनाफी को दिया गया है। तालिबानी आतंकियों की सरकार में रक्षा मंत्री (कार्यकारी) मुल्ला याकूब को बनाया है। वहीं गृह मंत्रालय (कार्यकारी) सिराजुद्दीन हक्कानी को बनाया है। ये सभी अमेरिका के कट्टर दुश्मन रहे हैं। साथ ही दुनिया की आतंकियों की लिस्ट में सबसे पहले पायदान पर और इनके सिर पर बड़े बड़े ईनाम रखे गए हैं। अफगानिस्तान का गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी काबुल में भारतीय दुतावास पर दो बार हमले तक करवा चुका है। जिसमें कई लोग मारे गए थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान 9/11 हमले वाले दिन 11 सितंबर को नई सरकार का ऐलान कर सकता है। जोकि अमेरिका के लिए एक विशेष तारीख है।

अफगानिस्तान के पीएम बने मुल्‍ला मोहम्‍मद हसन अखुंद (Mullah Mohammad Hassan Akhund) 20 वर्ष तक तालिबान की लीडरशिप काउंसिल ‘रहबरी शूरा (Rehbari Shura)’ के प्रमुख रह चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान (Taliban) के सभी फैसले लेने वाले शक्तिशाली संगठन ‘रहबरी शूरा’ (Rehbari Shura) के प्रमुख मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को खुद आतंकी संगठन के मुख्य नेता मुल्ला हिबतुल्लाह अखुंदजादा (Mullah Hebatullah Akhundzada) ने ही प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किया है। अमेरिका के साथ युद्ध छिड़ने से पहले पिछली तालिबानी सरकार में अखुंद 1996 से 2001 तक विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री रहे थे। मुल्‍ला मोहम्‍मद हसन अखुंद को सशस्‍त्र आंदोलन के संस्‍थापकों में शुमार किया जाता है।

पाकिस्तान और पश्तूनों की सरकार

तालिबान आतंकियों ने जिस सरकार की घोषणा की है, उसमें पूरी तरह से पश्तूनों का बोलबाला है। 33 मंत्रियों में से सिर्फ 3 ही अन्य समुदाय के हैं। बाकी पश्तून समुदाय से है। इससे इस सरकार में पूरी तरह से पाकिस्तान की छाया दिख रही है। साथ ही दोहा में जिस तालिबान आतंकी ग्रुप का ठिकाना है और जो वहां से अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बात कर रहा था, उसको भी पूरा नजरअंदाज कर दिया गया है। इस सरकार में एक भी महिला मंत्री को नहीं लिया गया है।

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