Ayurveda: आयुर्वेद विश्व की सबसे प्राचीनचिकित्सा पद्धति है|आयुर्वेदसंस्कृत में यह शब्द दो शब्दों के मिलाकर बना है- आयु+ वेद| आयु का मतलब होता है उम्र और वेद का मतलब है विज्ञान| जहां एलोपैथी दवाईयां किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म न करके उसके असर को कम करने में सहायक होती है वहीं आयुर्वेदिक दवाई किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म कर सकती है| लगभग 5 हजार साल पहले भारत में शुरू हुई आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति लंबे जीवन का विज्ञान है| आयुर्वेद के विकास में बौध धर्म का बहुत बड़ा योगदान है नागार्जुन द्वारा चिकित्सा अधारित एक नई शाखा का आविष्कार किया गया था। बौद्ध धर्म के प्रसार के साथ, मंदिर उच्च अध्ययन का संस्थान बन गए थे और यह संस्थान धीरे-धीरे विंश्वविघालयों में परिवर्तित हो गए| इन विश्वविद्यालयों को तक्षशिला, काशी, नालंदा में बनाय़ा गया है|
आयुर्वेद की उत्पति (Origin Of Ayurved)
ऋग्वेद जो की एक प्राचीन शास्त्र है| आयुर्वेद की उत्पत्ति भी ऋग्वेद काल से ही है|स्वास्थ्य और रोगों से संबंधित अधिकांश चीजें अथर्ववेद में उपलब्ध है| इतिहासकारों का दावा है कि आयुर्वेद अथर्ववेद का एक अहम हिस्सा है|
सभी ग्रंथों में आयुर्वेद के आठ अंगों का जिक्र किया गया है| जिसमें कायचिकित्सा, बाल रोग, उर्ध्वांग चिकित्सा, शल्यचिकित्सा, विष चिकित्सा, जरा चिकित्सा और वाजीकरण चिकित्सा का अष्टांग आयुर्वेद शामिल है| स्वास्थ्य और योग के क्षेत्र में आयुर्वेद काफी कारगर साबित हुआ है| आयुर्वेद में काफी लाभकारी आदतें होती है जो दवा और रोजमर्रा के जीवन को लाभकारी बनाने में सहायक होती है|
आयुर्वेद के लाभ:
एकअच्छा और आयुर्वेदिक इलाजों के माध्यम से शरीर से अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करता है| आयुर्वेद खान-पान में सुधार लाकर एक स्वस्थ वजन को मेन्टेन करने में मदद करता है।
योग, मेडिटेशन, ब्रीदिंग एक्सरसाइज, मसाज और हर्बल इलाज होता है| ब्रीदिंग एक्सरसाइज शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है। चिंता को दूर करने के लिए आयुर्वेद सहायक होता है|