Congress infight: पूरे देश में कांग्रेस पार्टी में आपसी लड़ाईयां चरम पर हैं। जहां पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच हुई लड़ाई को पूरे देश ने देखा, वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी फिलहाल लड़ाई चरम पर है। इसकी वजह से इन राज्यों में प्रशासनिक काम बिलकुल ठप्प पड़ गए हैं और इसका ख़ामियाजा आम जनता उठा रही है।
पंजाब के बाद अब छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेसियों की आपसी लड़ाई दोबारा 10 जनपथ तक पहुंचने लगी है। जहां सचिन पायलेट ने राहुल गांधी से सरकार में फेरबदल की मांग की है। वहीं छत्तीसगढ़ के टीएल सिंह देव दोबारा दल बल सहित दिल्ली पहुंचने की तैयारियों में हैं। दरअसल दोनों ने ही राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को चुनाव जीतने में प्रमुख भूमिका निभाई है। लेकिन जब सरकार की बात आई तो दोनों को मुख्य भूमिका नहीं दी गई। इसकी वजह से वहां लगातार असंतोष उभर रहा है। पंजाब में जिस तरह से नवजोत सिंह सिद्धू को पहले प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया और बाद में कैप्टन का इस्तीफा दिलवाया गया। उसको लेकर राजस्थान में सचिन पायलेट और छत्तीसगढ़ में सिंहदेव दोबारा अब दिल्ली की राह पकड़ने वाले हैं।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को, राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ एक गुप्त बैठक की है। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार में फेरबदल लंबे समय से लटका हुआ है, और माना जाता है कि दोनों नेताओं ने राज्य की राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा की है।
इस बीच राजस्थान के प्रभारी एआईसीसी महासचिव अजय माकन ने राज्य के कई दौरे किए हैं और सभी विधायकों के विचार विमर्श भी किया है। राज्य में विभिन्न बोर्डों और निगमों में राजनीतिक नियुक्तियों के अलावा, कैबिनेट में फेरबदल और उनके प्रति वफादार कुछ विधायकों को सरकार में शामिल करने की मांग पायलट ने पार्टी आलाकमान के सामने बार-बार रखी गई है।
लेकिन माकन के कई बार दौरे करने के बावजूद फेरबदल नहीं हुआ है। सूत्रों ने कहा कि पायलट को फिर से आश्वासन दिया गया है कि फेरबदल जल्द होगा। पार्टी नेतृत्व के जोर देने और पंजाब में अमरिंदर सिंह को बाहर करने के साथ, राजस्थान में कांग्रेस नेता केंद्रीय नेतृत्व द्वारा निर्णायक हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे हैं।