PM Modi’s America visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने अमेरिकी दौरे में 24 सितंबर को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से बैठक करेंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति की शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार बाइडेन से आमने सामने की बैठक में शामिल होंगे। चीन के बढ़ते प्रभाव और अफगानिस्तान के संकट को देखते हुए ये बैठक बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 सितंबर को अमेरिका दौरे पर जा रहे हैं। जिसमें वो क्वाड की बैठक में हिस्सा लेंगे, फिर अमेरिका, जापान और ब्रिटेन सहित कई देशों के प्रमुखों से मिलेंगे।
सोमवार को बाइडेन प्रशासन ने बताया कि शुक्रवार यानि 24 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की मुलाकात होगी। जो बाइडेन के चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी का यह पहला अमेरिकी दौरा है। जिसमें वो जो बाइडेन से आमने सामने बैठकर चर्चा करेंगे। पिछले दिनों अफगानिस्तान से अमेरिका ने अपनी फौजोंं को वापस बुला लिया है। इसके बाद पाकिस्तान का हस्तक्षेप अफगान सरकार में बढ़ गया है। ख़ासकर हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों को जिस तरह से तालिबान सरकार में शामिल किया गया। उसमें सीधे तौर पर आईएसआई का हाथ नज़र आ रहा है। साथ ही चीन की विस्तारवादी नीतियों को देखते हुए भी ये बैठक महत्वपूर्ण हैं। हालांकि इससे पहले क्वाड की बैठक में भी चीन के खिलाफ भारत, जापान और आस्ट्रेलिया काफी समन्यव में काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका जाने से पहले ही अमेरिका ने भारतीयों के अमेरिका आने पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है। अब नवंबर से भारतीय अमेरिका जा सकेंगे। हालांकि इसके लिए कोविड प्रोटोकॉल लागू रहेगा।
नवंबर से कोरोना वैक्सीन की पूरी डोज लेने वाले लोगों को अमेरिका आने की अनुमति होगी। कोरोना मामलों पर व्हाइट हाउस के जेफ जेंट्स ने कहा कि विदेशी नागरिकों को एयरपोर्ट में बोर्ड होने से पहले वैक्सीनेशन के साथ ही साथ तीन दिन पहले की निगेटिव कोरोना जांच रिपोर्ट दिखानी होगी।
जेंट्स ने विदेशों से अमेरिका आने वालों के लिए नई नीति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन ने बिना टीका लगवाए अमेरिका लौटने वाले अमेरिकी नागरिकों के लिए भी जांच के नियम सख्त बनाए हैं। ऐसे लोगों को यात्रा शुरू करने से एक दिन पहले और अमेरिकी पहुंचने के एक दिन के भीतर कोरोना टेस्ट कराना होगा। पूर्ण टीकाकरण वाले लोगों को क्वारंटाइन में रहने की जरूरत नहीं होगी।