Land Jihad: उत्तराखंड में अब लैंड जिहाद के खिलाफ हिंदु एकजुट हो गए हैं। उत्तराखंड के नैनीताल में हिंदुओं की ज़मीनों को मुस्लिमों को बेचने को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। स्थानीय निवासियों ने इसे लैंड जिहाद कहकर इसके खिलाफ जनजागरण शुरु कर दिया है। साथ ही ऐसे डीलरों का बहिष्कार करने का प्रस्ताव पारित किया है, जोकि मुस्लिमों को ज़मीन बेचने में मदद कर रहे हैं।
भाजपा के पूर्व प्रदेश महामंत्री गजराज सिंह बिष्ट ने नैनीताल में शनिवार हिन्दुओं की सभा में कहा कि, ”देवभूमि में समाज के कुछ विधर्मी लोग अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। जिसे रोकने के लिए आज पूरा हिन्दू समाज एकसाथ आया है। इसके लिए मैं उनका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।”
उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रहे बिष्ट ने फेसबुक पर अपना वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह लोगों को संबोधित करते हुए कह रहे हैं कि , ”देश का बँटवारा होने के बाद 2 करोड़ मुसलमान हिंदुस्तान में रहे और 2 करोड़ मुस्लिम पाकिस्तान चले गए। आजादी के 70 सालों के बाद आज हमारे प्रेम की वजह से यहां यह संख्या 2 करोड़ से 20 करोड़ हो गई है। वहीं पाकिस्तान में यह संख्या घटकर 2 करोड़ से 2 लाख रह गई है।”
उन्होंने कहा कि, ये मुस्लिम शुरुआत में आपके पैर पकड़ने आएँगे। फिर आपसे हाथ जोड़ेगे और विनती करेंगे, लेकिन जब यही 1 से 10 हो जाते हैं तो आप इनकी गली में घुस भी नहीं सकते हैं। मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूँ। यहाँ मौजूद सभी लोग बधाई के पात्र हैं।
गजराज सिंह ने कहा, ”ये केवल एक जमीन बिकने का मामला नहीं है। 13 रजिस्ट्रियों का मामला नहीं है। ये हमारी आस्था और पहाड़ को बचाने का मामला है। उत्तराखंड में कई जगहों से लोग आए हैं। उन्होंने 700 सालों तक मुस्लिमों की गुलामी तो सही, लेकिन उनके मजहब को कभी स्वीकार नहीं किया।”
सिंह ने आगे कहा हम अपने पूर्वजों को, अपने पितरों को इस श्राद्ध में इससे अच्छा तोहफा नहीं दे सकते हैं। हमारे पूर्वजों ने मुसलमानों की 700 वर्षों तक गुलामी सही है। कश्मीर भी पहले हमारी तरह था, लेकिन वहाँ भी एक-एक करके मुस्लिम परिवार बढ़ते गए और हिंदुओं की संख्या घटती गई। जैसे ही कश्मीर में 60 प्रतिशत मुस्लिम हुए उन्होंने 40 प्रतिशत हिंदुओं को भगा दिया। आज भी कश्मीर का 23 प्रतिशत ब्राह्मण दिल्ली में शरणार्थी बने बैठे हैं।
उन्होंने अपनी बात को खत्म करते हुए कहा, “ऐसी स्थिति हमारे राज्य की ना हो इससे बचने के लिए हमें कारगर कदम उठाना है। यह केवल एक प्लॉट बेचने या एक रजिस्ट्री करने का मामला नहीं है, बल्कि हिंदुत्व को बचाने का मामला है। ये हमारी आस्था और पितरों के सम्मान का मामला है। हर उत्तराखंडी को इस लड़ाई में सभी मतभेद भुलाकर आगे आना होगा।” इस सभा में कांग्रेस समाजवादी और बसपा के नेता भी शामिल हुए।