Political Fake protest: लखीमपुर खीरी में हुए बवाल पर लखीमपुर जाने के लिए बैचेन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को अपने राज्य में हुई किसानों की हत्या पर अफसोस करने का भी समय नहीं है। छत्तीसगढ़ में तो किसानों और प्रशासन के बीच लगातार संघर्ष चल रहा है। उसी तरह राजस्थान में भी किसान पुलिस की लाठियां खा रहे हैं। लेकिन ना तो राहुल गांधी, ना ही प्रियंका गांधी और ना ही राजस्थान के मुखिया अशोक गहलोत इसपर अभी तक कुछ बोल पाएं हैं। दरअसल लखीमपुर के जरिए कांग्रेस और बाकी दूसरे दल अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने की कोशिश में है। ताकि छुट्टेभय्ये नेताओं और उनके समर्थकों से मामले को भड़काया जाए और दंगे कराए जा सके।
छत्तीसगढ़ के सिगनेर में जहां प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन में पांच किसानों की मौत हो गई थी। वहीं दूसरी ओर कवर्धा में भी दंगे हो गए हैं। वहां एक चौराहे पर भगवा झंडे को फाड़कर मुस्लिमों ने हरा झंडा लगा दिया था। साथ ही मुस्लिम आबादी की बड़ी भीड़ ने हिंदुओं की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था और वहां स्थिति अभी भी खराब है। इस दौरान भी गांधी परिवार को खुश करने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य की बजाए लखीमपुर की घटना पर तीन घंटे तक एयरपोर्ट पर धरना दिए बैठे रहे।
इसी तरह राजस्थान में भी किसान सड़कों पर हैं। उनकी धान की फसल की खरीद शुरु नहीं हो पाई है। जो संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा में किसानों के धान खरीद पर प्रदर्शन करने की बात कर रहा था। वो राजस्थान की कांग्रेस सरकार के खिलाफ चुप हो गया है। लेकिन वहां के स्थानीय किसानों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हालांकि इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी लखीमपुर के किसानों पर अफसोस जता रहे थे। लेकिन हनुमान गढ़ में किसानों को पिटवा रहे थे।