Karnataka Hijab Case: कर्नाटक में हिजाब के बहाने स्कूलों और कॉजेलों में अनुशासन की जगह धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दिया जा रहा है। हालांकि इसको रोकने के लिए अब राज्य सरकार ने इस तरह के किसी भी कपड़े पर रोक लगा दी है, जोकि किसी भी तरह से धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देगा और एकता और अखंडता को प्रभावित करेगा। राज्य सरकार ने अपने आदेश में कहा गया है कि छात्रों को कॉलेज विकास समिति या प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों के प्रशासनिक बोर्ड की अपीलीय समिति द्वारा चुनी गई ड्रेस ही पहननी होगी, जो कि पूर्व-विश्वविद्यालय शिक्षा विभाग के अंतर्गत आता है।
आदेश में कहा गया है, “प्रशासनिक समिति द्वारा वर्दी का चयन नहीं करने की स्थिति में समानता, अखंडता और सार्वजनिक कानून व्यवस्था को भंग करने वाले कपड़े नहीं पहनने चाहिए।”
राज्य सरकार ने हिजाब विवाद के राजनीतिक रंग लेने के बाद ये फैसला लिया है। यह मुद्दा शुरू में उडुपी के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में कुछ मुस्लिम लड़कियों द्वारा कक्षा में हिजाब पहनने के अपने अधिकार के विरोध के रूप में शुरू हुआ था और बाद में यह राज्य के अन्य कॉलेजों में फैल गया।
इस हफ्ते की शुरुआत में, उडुपी जिले के कुंडापुर में, एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में पढ़ने वाले हिंदु लड़के भगवा शॉल पहनकर परिसर में आए। इसके बाद वहां लड़कियों ने भी भगवा गमछा पहनकर रैली निकाली।
इसके बाद पूरे राज्य में इस विवाद ने राजनैतिक रंग ले लिया था। पिछले महीने, राज्य के शिक्षा विभाग ने कहा था कि वह राज्य भर के पीयू कॉलेजों में वर्दी पर दिशानिर्देश तैयार करने के लिए एक समिति का गठन करेगा। इस बीच, कांग्रेस नेताओं ने हिजाब का समर्थन किया, जबकि बीजेपी ने कहा कि वह शिक्षण संस्थानों के ‘तालिबानीकरण’ की अनुमति नहीं देगी।