NCPCR Day: राष्ट्रीय बाल आयोग को मिला ध्येय वाक्य

NCPCR Day: आज़ादी का अमृत महोत्सव से प्रेरित राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लाल किले पर NCPCR द्वारा अपना 17वां स्थापना दिवस कार्यक्रम आयोजित किया। मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

माननीय मंत्री महोदया के साथ सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक पंकज कुमार सिंह, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदेवर पाण्डेय जी, सदस्य प्रग्ना परांडे, सदस्य रोजी ताबा व सदस्य सचिव रुपाली बनर्जी सिंह ने कार्यक्रम को सुशोभित किया|

माननीय केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी, श्री पंकज कुमार सिंह, महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल, श्री इंदेवर पाण्डेय, सचिव महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष श्री प्रियंक कानूनगो तथा सदस्य सचिव श्रीमती रुपाली बनर्जी सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया|

NCPCR स्थापना दिवस के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माननीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने मंच से संबोधन में अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो, सचिव महिला बाल विकास मंत्रालय, महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल एवं उपस्थित विशिष्ट अतिथि व् देश के भविष्य अर्थात सभी बच्चों के प्रति आभार प्रकट किया|

इस मौके पर मंत्री महोदय ने कहा कि यह वही प्राचीर है जहाँ से हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री भारत के नवनिर्माण की कल्पना राष्ट्र के सम्मुख प्रस्तुत करते है, और आज ये कहना उचित होगा की आज उस भारत के नवनिर्माण की कल्पना को, जो भविष्य साकार कर सकते है वही हमारे भारत के बच्चे इस कार्यक्रम में आज अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर पूरे देश को नए भारत का संकल्प दे रहे हैं|

उन्होने स्वतंत्रता संग्राम में सर्वोच्च बलिदान देने वाले क्रांतिकारी जिन्होने अपने बचपन की लड़ाई में भाग लिया पर आधारित प्रदर्शनी को सराहा, वहीं उन्होने सीमा सुरक्षा बल व राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के संयुक्त प्रयास से शुरू की गयी सहारा हेल्पलाइन को सीमा सुरक्षा बल के साथ साथ अन्य पैरामिलिट्री फ़ोर्स के बच्चों को उपलब्ध कराने की अपील की गयी|

इसके साथ ही विभिन्न राज्यों से आए बच्चों के सवालों के जवाब दिए| एवं इस मौके पर उन्होने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का नए ध्येयवाक्य “भविष्यो रक्षति रक्षित:” (भविष्य की रक्षा करने पर भविष्य (रक्षा करने वाले की) रक्षा करता है” का लोकार्पण किया|

उल्लेखनीय है कि आयोग देशभर में बच्चों के संरक्षण और विकास के लिए कार्य करता है लिहाजा आयोग ने इस बार उन बच्चों के साथ अपना स्थापना दिवस मनाया जो कोरोना महामारी या अन्य कारणों से अपने माता पिता को खो चुके हैं। देशभर से इस तरह के करीब 90 बच्चों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया साथ ही देश की सुरक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सीमा सुरक्षा बल के शहीद जवानों के बच्चों को भी विशेष तौर पर कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया।

ऐसे मैं जब पूरा देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है आयोग ने बच्चों के उत्साहवर्धन और देशभक्ति की प्रेरणा के लिए स्वतंत्रता संग्राम में सर्वोच्च बलिदान देने वाले क्रांतिकारी जिन्होने अपने बचपन में आजादी की लड़ाई में भाग लिया के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी का भी आयोजन किया। यहां पर कुल 15 प्रदर्शनियां लगाई गई हैं और आमजनों के लिए 2 दिनों तक इनका प्रदर्शन लाल किले पर किया जाएगा।

विशेष तौर पर बुलाए गए सीमा सुरक्षा बल के बैंड ने अपनी मंत्रमुग्ध करने वाली और औजपूर्ण धुनों से कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों और प्रतिभागियों में देशभक्ति की भावना को संचारित किया।

श्री पंकज कुमार सिंह, महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल ने मुख्य अतिथि समेत कार्यक्रम में उपस्थित सभी भागीदारों को संबोधित करते हुए सीमा सुरक्षा बल एवं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के द्वारा शुरू की गयी टेली काउंसलिंग सेवा सहारा पर प्रकाश डाला तथा उन्होंने कहा कि सहारा के माध्यम से शोषण के प्रति जागरूक करना, सम्भावित खतरों के प्रति आगाह करना तथा समय पर जरुरत पड़ने पर वास्तविक सहायता करने के साथ सरकार की योजनाएं, छात्रवृत्ति जैसी आदि कल्याणकारी कार्य करना सम्मिलित है| उन्होंने कहा अभी तक इसके माध्यम से सैंकड़ों बच्चों ने ऑनलाइन परामर्श लिया है|

श्री इंदेवर पाण्डेय, सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी भागीदारों को संबोधित करते हुए कोरोना काल में बाल स्वराज पोर्टल के माध्यम से लाखों बच्चों की निरंतर सहायता हेतु एनसीपीसीआर के अध्यक्ष को धन्यवाद दिया, तथा भारतीय संविधान व अंतर्राष्ट्रीय कानूनगो में वर्णित प्रावधानों के अनुसार हम बच्चों को हर तरीके के संरक्षण व् सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है|

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष श्री प्रियंक कानूनगो जी ने मुख्य अतिथि समेत कार्यक्रम में शामिल हुए प्रतिभागियों, मीडिया बंधों तथा सीमा सुरक्षा बल के बैंड का अभिनंदन किया औऱ कार्यक्रम की महत्ता तथा रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि आज स्थापना दिवस पर भारतवर्ष के करीब 26 राज्यों से आए बच्चे अपने मित्र के जन्मदिन पर आए हैं तथा उन्होंने कहा कि यहाँ आए हुए बच्चे सहारा सेवा, बाल स्वराज कोविड केयर लिंक पोर्टल से जुड़े हुए हैं|

उन्होंने कहा आज ही के दिन 2005 में CPCR अधिनियम क़ानून बना तथा उन्होंने कहा जब आयोग अपना 100वां स्थापना दिवस मनाएगा तो भी आयोग बच्चा ही रहेगा क्योंकि उसके दोस्त भी बच्चे ही रहेंगे|

इसके साथ ही अध्यक्ष जी ने कहा आयोग, पिछले वर्षों से 360 डिग्री के दृष्टिकोण के साथ Last Child Connectivity के संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें साइबर वर्ल्ड से लेकर स्ट्रीट तक एवं घरों से लेकर स्कूल तथा नशीली दवाओं के सौदागरों तक हर तरह के बच्चों को संरक्षण तथा सुरक्षा देने का काम किया है और आगे भी निरंतर करता रहेगा|

कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों तथा हितधारकों के प्रति अभार प्रकट करते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य सचिव श्रीमती रूपाली बनर्जी सिंह ने धन्यवाद अभिभाषण देते हुए कार्यक्रम का समापन किया।

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