Ram Gopal Verma: विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स की अविश्वनीय सफलता बॉलीवुड में कई लोगों को दिन रात परेशान कर रही हैं, उनमें से एक फिल्म निर्देशक रामगोपाल वर्मा है। जो लगातार इस फिल्म में दिखाई गई सच्चाई से परेशान हैं। सत्या जैसी अति हिंसक फिल्म बनाकर गुंडों को महिमामंडित करने वाले रामगोपाल वर्मा ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि 11 मार्च को बाबा साहब फालके का बॉलीवुड मर गया और विवेक अग्निहोत्री बॉलीवुड पैदा हो गया है।
अपनी फिल्मों में हिंसा को प्रमुखा से दिखाने वाले रामगोपाल वर्मा की फिल्मों के बारे में हम आपको बताते हैं कि वो किस तरह की फिल्में बनाते थे।
शिवा (1990)
इस फिल्म में कॉलेज स्टूडेंट को गुंडा बनते हुए दिखाया गया है। फिल्म में हिंसा को बहुत ही प्रमुखता से दिखाया गया था। फिल्म के एक सीन में शिवा (नागार्जुन) साइकिल की चेन तोड़कर फिल्म में दूसरे ग्रुप के लोगों मारते हैं। इस फिल्में में कानून तोड़ने वाले लड़के को हीरो की तरह पेश किया गया था। इस फिल्म के बाद देशभर के कॉलेजों में स्टूडेंट्स में शिवा जैसी मारधाड़ कर मशहूर होने का क्रेज पैदा हो गया था।
सत्या (1998)
ये फिल्म भी हिंसा से भरी हुई है। ये फिल्म तीन गैंगस्टर्स की कहानी है, जिसमें शुरु से आखिरी तक एक ग्रुप दूसरे ग्रुप के लोगों को मारता ही रहता है, बीच बीच में गैंगस्टर्स के परिवार को भी दिखाया जाता है। लेकिन फिल्म में गैंगस्टर्स को महिमामंडित किया गया है।
कंपनी (2002)
ये फिल्म मुंबई बम ब्लास्ट के मास्टर मांइड दाउद इब्राहिम के करेक्टर पर बनाई गई थी। इस फिल्म में भी हिंसा और गुंडई को महिमांडित किया गया था। फिल्म में गैंगस्टर और हत्याओं का पूरा एक दौर दिखाया गया है और इंसान की हत्या को गाजर मूली काटने की तरह दर्शाया गया है।
गॉड सेक्स एंड ट्रूथ (2019)
इस फिल्म में एक पोर्न स्टार मिया मारिकोव को एक आधात्मिक गुरु की तरह पेश किया गया है, जिसमें वो सेक्स के बारे में ज्ञान देती हैं। सेंसर की वजह से ये फिल्म रामगोपाल वर्मा ने इसको सिनेमा हॉल में रिलीज ना करके, इसे पोर्न विडियो की तरह ऑनलाइन बेचा है।