LRO on Amnesty: एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty) के दिल्ली दंगों के आरोपी उमर ख़ालिद (Umar Khalid) की जमानत याचिका ख़ारिज होने पर कोर्ट पर सवाल खड़े करने के खिलाफ लीगल राइट ऑब्जर्वेटरी कोर्ट में अवमानना (contempt of court) की अपील करेगा।
एलआरओ ने कहा है कि एमिनेस्टी इंटरनेशन ने कोर्ट की अवमानना की है। उमर खालिद को कानूनी मेरिट के आधार पर जमानत नहीं देने का फैसला कोर्ट ने किया है। जोकि प्रॉसिक्यूशन ने कोर्ट को उपलब्ध कराए थे। एलआरओ ने कहा है कि एमनेस्टी का ये कमेंट भारत की न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े करने की कोशिश है? एलआरओ के मुताबिक एमनेस्टी इंटरनेशनल का सोशल मीडिया पर कमेंट दिल्ली दंगों के दौरान निर्दोष लोगों की हत्या का इंडोर्समेंट है।
दरअसल दिल्ली में सीएए के प्रदर्शन (anti CAA protest) के दौरान भीड़ ने दिल्ली के काफी रास्ते ब्लॉक कर दिए थे। इस भीड़ में बड़ी संख्या में मुस्लिम थे। जिन रास्तों को बंद किया गया था, वहां स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया था। उमर खालिद से लेकर कई अन्य लोगों ने रास्ते बंद करने का समर्थन करने के साथ साथ लोगों को सड़कें बंद करने के लिए उकसाया था। इसके बाद दिल्ली में दंगे शुरु हो गए थे। जिसमें 50 से ज्य़ादा लोगों की मौत हो गई थी।