Arvind Kejriwal on street children: दिल्ली में सड़क पर रह रहे बच्चों (street children) को लेकर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal )बेहद असंवेदनशील रवैया अपना रही है। हालत ये है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री सरकार (Delhi Chief Minister) अब खुद ये मान रही है कि बाल गृहों (Children home) की हालत खराब है और बच्चे बाल गृहों से भाग रहे हैं। उनकी इस स्वीकारोक्ति के बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) इस मामले में दिल्ली सरकार को नोटिस देने जा रहा है।
दिल्ली में पिछले सात सालों से सड़क पर भीख मांग रहे बच्चों की ओर ध्यान नहीं देने वाली दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में घिर गई है। इसके बाद दिल्ली सरकार ने कोर्ट की सुनवाई से ठीक पहले सड़क पर भीख मांग रहे बच्चों को पुनर्वासित करने की घोषणा की है।
इसको लेकर राष्ट्रीय बाल आयोग संरक्षण के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो ने बताया कि दिल्ली सरकार इस मुद्दे पर लगातार झुठ बोल रही है। हमारे सर्वे के मुताबिक दिल्ली में 73 हज़ार बच्चे सड़कों पर हैं। लेकिन आयोग के लगातार इस ओर ध्यान दिलाने और सुप्रीम कोर्ट के लगातार कहने के बाद भी दिल्ली सरकार ने सिर्फ 1800 बच्चों की ही पुर्नवास योजना घोषित की है। जोकि बहुत ही कम है। दिल्ली में सात सालों से केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं, लेकिन इन बच्चों की ओर आज तक ध्यान नहीं दिया गया। हमने दिल्ली सरकार को सड़क पर रह रहे बच्चों के पुर्नवास को लेकर की गई समीक्षाओं में बुलाया, लेकिन दिल्ली सरकार कभी समीक्षा बैठक तक में नहीं आई। ऐसे में कोर्ट की सुनवाई से पहले पुर्नवास नीति की घोषणा करना एक तरह से कोर्ट को प्रभावित करने जैसा है। वो इस मामले में झुठ बोल रहे हैं।