Jhangirpuri Riots: दिल्ली में हनुमान जयंति की शोभायात्रा पर पत्थरों और हथियारों से हमले के बाद अब दंगाई ने हर बार की तरह महिलाओं को आगे कर दिया है। जहांगीरपुरी पुलिस स्टेशन के सामने मुस्लिम महिलाओं ने नारेबाजी की है। हालांकि इसके विरोध में हिंदुओं ने भी नारेबाजी की है। ख़ास बात ये है कि शोभायात्रा पर पथराव में बच्चों के साथ साथ महिलाएं भी शामिल थी। जो घरों की छत पर से पत्थर मार रही थी।
वरिष्ठ पत्रकार भूपेंद्र सोनी के मुताबिक, देश पाषाण युग से गुजर रहा है और पत्थरों से आग निकाली जा रही थी। महिलाओं की युद्ध में नर्सिंग की तरह होती थी, लेकिन अब ये नरैटिव सेट करने की भूमिका होती थी, लेकिन अब एजेंडे के तहत महिलाएं इस तरह की काम कर रही है। रामनवमी की शोभायात्रा तक नहीं निकाली जा पा रही है। कल को हो सकता है कि शवयात्रा भी नहीं निकाल पाएंगे। महिलाएं अपराधियों की तरफदारी ले रही हैं।
दरअसल दंगा कराने वाले अक्सर पुलिस कार्रवाई शुरु होते ही महिलाओं और बच्चों को आगे कर देते हैं। सीएए विरोध से लेकर अन्य तरह के दंगों में दंगा करने के बाद पुलिस कार्रवाई शुरु होते ही, दंगा कराने वालों के कॉरिडिनेटर महिलाओं को आगे कर देते हैं। जहांगीरपुरी में भी दंगाई की गिरफ्तारी के बाद अचानक महिलाएं थाने का घेराव करने के लिए पहुंच गई और वहां अल्लाह हु अकबर के नारे लगाने लगी। इससे पहले भी सीएए के आंदोलन में पुलिस की कार्रवाई में बाधा पहुंचाने के लिए लगातार महिलाओं को धरने पर बिठाया गया था। साथ ही दंगों में भी महिलाओं की भूमिका थी।