Narad Awards: इन्द्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र, दिल्ली के तत्वावधान में 12वें देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान 2022 का सफल आयोजन किया गया। देवऋषि नारद जी की जयंती पर पत्रकारिता जगत की महत्ता एवं पत्रकारों की तपस्या एवं बलिदान को सम्मान देने के लिए स्पीकर हॉल, कांस्टीट्यूशन क्लब, नई दिल्ली में आयोजित इस सम्मान समारोह कार्यक्रम में विभिन्न श्रेणियों में 12 पत्रकारों सम्मानित किया गया। इसमें वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और स्तंभकार बलबीर पुंज को जहां आजीवन सेवा नारद सम्मान दिया गया, वहीं, वरिष्ठ पत्रकार और theekhabar.com, ayurvedindian.com के फाउंडिग एडिटर दीपक उपाध्याय को उत्कृष्ठ पत्रकार सम्मान दिया गया।
आशुतोष कुमार पाण्डेय, हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी को युवा पत्रकार नारद सम्मान; निशांत कुमार आज़ाद, ऑर्गनाइजर को स्त्री सरोकार/ महिला संवेदना पत्रकार नारद सम्मान; उमाशंकर मिश्र, इंडिया साइंस वायर को ग्रामीण पत्रकारिता नारद सम्मान; सुरेश कुमार जायसवाल, दूरदर्शन न्यूज़ को न्यूज़ रूम सहयोग नारद सम्मान; नुपुर जे. शर्मा, ऑप इंडिया को डिजिटल पत्रकार नारद सम्मान; प्रियंका देव, न्यूज़ जंक्शन को सोशल मीडिया पत्रकार नारद सम्मान; मिहिर सिंह, पंजाब केसरी को उत्कृष्ट छायाचित्रकार (प्रिंट) नारद सम्मान; विद्यानाथ झा, न्यूज़ नेशन को उत्कृष्ट छायाचित्रकार (टी. वी) नारद सम्मान; उमेश चतुर्वेदी को उत्कृष्ट स्तम्भकार नारद सम्मान; पी.एम. नारायणन को विदेशी पत्रकारिता नारद सम्मान (भारत संबंधित पत्रकारिता) से सम्मानित किया गया। इन सभी को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, शाल तथा 11,000/- रुपये की चेक देकर सम्मानित किया गया।
वरिष्ठ पत्रकार दीपक उपाध्याय को उत्कृष्ट पत्रकार नारद सम्मान से सम्मानित किया गया। इन्हें प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, शाल तथा 51,000/- रुपये की चेक देकर सम्मानित किया गया।
पूर्व संपादक, पत्रकार, स्तंभकार एवं लेखक बलबीर पुंज को आजीवन सेवा नारद सम्मान से सम्मानित किया गया। इन्हें प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, शाल तथा 1,00,000/- रुपये का चेक देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा की हमारे जितने भी प्रोफेशन हैं, वह जब से शुरू हुए उसमें स्किल और नॉलेज पर तो जोर दिया ही गया, साथ ही उसका एक चरित्र भी दिया गया। हम जिस व्यक्ति को जिस प्रोफेशन की जो शिक्षा दे रहे हैं उसमें उसको ग्रहण करने की क्षमता होनी चाहिए। उसे जो शक्ति दे रहे है उसमे उपयोग करने की क्षमता होनी चाहिए। वह शक्ति का दुरुपयोग ना करें और समाज के हित में उपयोग करें। नारद जी पत्रकारिता के इसी शक्ति का प्रतीक है। जहां शक्ति का उपयोग समाज के हित में होना चाहिए।
आगे उन्होंने कहा की पत्रकारिता में सत्य को लेकर जाना और सत्य के साथ कोई समझौता नहीं करना। किस सत्य को लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण है की उसमें लोक हित सर्वोपरि चाहिए। एक रिस्पांसिबल जर्नलिज्म की बहुत जरूरत है। नारद जी समाचार पहुंचाने के साथ-साथ समाधान भी बताते और उसका मार्ग भी दिखाते थे।
मीडिया में सकारात्मकता की आवश्यकता पर जोर देते हुए श्री आंबेकर ने कहा की वातावरण में बदलाव आया है। आज भारत के लोग आकांक्षी बनकर आगे बढ़ना चाहते हैं, जो अनुकूल बात करता है वह लोगों को अच्छी लगती है प्रतिकूल बातें अच्छी नहीं लगती है। मीडिया में भी लोग सकारात्मकता से आगे बढ़ रहे हैं। मीडिया में जिम्मेदारी की आवश्यकता है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने समाचार पत्रों को लोक जागरण का माध्यम बनाया। वे स्वतंत्रता सेनानी हमारी पत्रकारिता के आदर्श है।
मीडिया में बदलती तकनीक पर उन्होंने कहा की हमें नई तकनीक से डरने की जरूरत नहीं है। टेक्नोलॉजी के झटके पहले भी लगते रहे हैं और आगे भी लगता रहेंगे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. संजीव कुमार बालियान, राज्यमंत्री, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा की पत्रकारिता इतनी महत्वपूर्ण है कि वह हर जनमानस को प्रभावित करती है। वह सकारात्मक दिशा में होनी चाहिए ना की नकारात्मक दिशा में।
डॉ. बालियान ने कहा की हमें सभी विचारों का सम्मान करना चाहिए है। हर व्यक्ति स्वतंत्र हैं अपनी विचारधारा पर काम करने के लिए। कोई भी विचारधारा हो पत्रकारिता में निष्पक्ष होना बहुत जरूरी है। आपको किसी के पक्ष या विपक्ष में होने की जरूरत नहीं है। जो तथ्य है उस तत्व के साथ होना है और तथ्यों के आधार पर ही विश्लेषण होना चाहिए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि आनंद नरसिम्हन, प्रबंध संपादक, नेटवर्क 18 ने कहा की देवऋषि नारद जी की भूमिका जो हम लोगों के मन में बनी है उनकी भूमिका उससे बहुत बड़ी है। हममें से कितनों ने नारद संहिता पड़ी है? हमसे कितनों ने अपने ग्रंथों को पड़ा है चाहे वह किसी भी भाषा में हो? हमने हमारे सभ्यता हमारी संस्कृति के बारे में क्या लिखा क्या कहा? आज बोलचाल में आ रहा है कि हमारा इतिहास क्या है? इंडिया और इन्वेडर? हमारा इतिहास आक्रान्ताओं का इतिहास है या भारत का इतिहास हमारा इतिहास है? आज समय बदल रहा है। आज मीडिया में खुलकर के लोग भारत की बात कहने लगे हैं जो कि पहले संभव नहीं था।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र प्रचार प्रमुख अनिल जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली प्रान्त कार्यवाह भारत जी, दूरदर्शन के महानिदेशक मयंक अग्रवाल, ADG प्रिया कुमार सहित कई गणमान्य अतिथि शामिल हुए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मीडिया कर्मी, संपादक, वरिष्ठ पत्रकार शामिल हुए। इन्द्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष अशोक सचदेवा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।