Urea Nano Plant: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की नीतियों के कारण पिछले आठ सालों से एक दो बार को छोड़कर देश में किसानों को समय पर फर्टीलाइजर (Fertilizer on time) मिल रहा है। ना तो किसानों को लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं और ना ही किसानों को पुलिस की लाठियां खानी पड़ रही है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी सरकार के आठ साल पूरे (Modi Government’s 8 years ) होने पर अपनी इस उपलब्धि को गिनाया।
शनिवार को गुजरात के गांधीनगर में देश के पहले नैनो लिक्विड यूरिया प्लांट का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 8 साल पहले यूरिया के लिए किसान लाठियां खाते थे, लेकिन हमने इस दौरान 5 बंद पड़े फर्टीलाइज़र कारखाने खुलवाए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज आत्मनिर्भर कृषि के लिए देश के पहले नैनो यूरिया लिक्विड प्लांट का उद्घाटन करते हुए मैं विशेष आनंद महसूस कर रहा हूं। जितना यूरिया एक बोरी में आता था, उतना एक आधा लीटर की बोतल में समाहित है।
यूरिया की होती थी कालाबाज़ारी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 7-8 साल पहले तक हमारे यहां ज्यादातर यूरिया खेत की बजाए कालाबाजारी में चला जाता था और किसान अपनी जरूरत के लिए लाठियां खाते थे। हमारे यहां बड़ी खाद बनाने वाली फैक्ट्रियां भी नई तकनीक के अभाव में बंद हो गई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 में हमारी सरकार बनने के बाद हमने यूरिया की शत-प्रतिशत नीम कोटिंग शुरु कराई। इससे कालाबाज़ारी बंद हुई और किसानों को समय पर यूरिया मिलने लगा।
उन्होंने कहा कि हमने यूपी, बिहार, झारखंड, ओडिशा और तेलंगाना में 5 बंद पड़े खाद कारखानों को फिर शुरु कराया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत विदेशों से जो यूरिया आयात करता था,वो यूरिया का 50 किलो का एक बैग 3,500 रुपए का आता था और सरकार वो बैग किसानों को सिर्फ 300 रुपए में देती थी। यानी यूरिया के एक बैग पर सरकार 3,200 रुपए का बोझ खुद उठाती थी। देश के किसान के हित में जो भी जरूरी हो, वो हम करते हैं, करेंगे और देश के किसानों की ताकत को बढ़ाते रहेंगे।
देशभर में लगगें लिक्विड यूरिया प्लांट्स
कलोल में नैनो यूरिया (लिक्विड) प्लांट 175 करोड़ रुपए में तैयार हुआ है। प्लांट की क्षमता आधा लीटर की 1.5 लाख बॉटल रोज़ाना की है। देशभर में ऐसे 8 और प्लांट लगाए जाएंगे। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नैनो यूरिया प्लांट आज से शुरु हो गया है।