Rice Prices in India: कीमतों को काबू करने के लिए चावल पर क्या करेगी सरकार?

Rice Prices in India: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia-Ukraine war) के कारण देश में बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government on Inflation) एक एक कमोडिटी पर नज़र रख रही है और उसपर निर्यात प्रतिबंध का फैसला भी ले रही है। गेंहू और चीनी की कीमतों (Wheat-Rice Prices) को थामने के लिए किए गए उपायों के बाद अब चावल की कीमतें भी बढ़ रही हैं। लिहाजा आने वाले समय में इसपर भी सरकार कुछ फैसला ले सकती है। हालांकि सरकार ने फिलहाल इसके निर्यात पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है।

Wheat Export stopped: गेंहूं-आटा की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए एक्सपोर्ट पर लगा बैन

 दरअसल देश में गेहूं की नई फसल आने के बावजूद भी इसकी कीमतें बढ़ रही थी, इसको देखते हुए सरकार ने पिछले दिनों इसके निर्यात पर रोक लगाई थी। अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर भारत के इस फैसले की आलोचना भी की गई। इसके बाद भारत ने कहा था कि 13 मई से पहले जो भी गेहूं की खेप कस्टम विभाग को सौंप दे दी गई थी, या फिर उसका विवरण कस्टम के सिस्टम में दर्ज हो गया था, ऐसी गेहूं को निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी

दूसरी ओर चीनी के कीमतों को नियंत्रित करने के लिए भी उसके निर्यात को भी सीमित कर दिया गया था। जिसके बाद कहा जा रहा था कि अगला नंबर चावल का हो सकता है। चावल की कीमतों में भी तेजी आ रही है। लेकिन सरकार ने कहा है कि चावल निर्यात पर किसी तरह का प्रतिबंध लगाने की कोई योजना अभी नहीं है।

सरकार के मुताबिक उसका बासमती और गैर- बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने या उनके निर्यात को कम करने की कोई योजना नहीं है। इससे पहले सरकार ने गेहूं के निर्यात पर ही प्रतिबंध लगाया था।

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