Indepth analysis of Hardik Patel: क्यों जरूरी थे हार्दिक पटेल बीजेपी के लिए?

Hardik Patel: गुजरात (Gujrat) में युवा पटेलों के लोकप्रिय नेता हार्दिक पटेल के बीजेपी (BJP) में शामिल होने के बाद अब पटेल समुदाय का पूरा झुकाव बीजेपी की ओर जाता दिख रहा है। गुजरात में इसी साल चुनाव (Vidhansabha Election) है, ऐसे में हार्दिक का बीजेपी में शामिल होना विपक्षी पार्टियों, ख़ासकर कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है।

पटेल आंदोलन के मुखिया रहे हैं हार्दिक

गुजरात में OBC आरक्षण की मांग को लेकर 2015 में मुखर हो रहा था। इस दौरान हार्दिक पटेल ने OBC आरक्षण दिलाने के लिए पाटीदार अनामत आंदोलन (Patidar Amanat Andolan) समिति बनाई थी। इसमें उनके संगठन क्षमता के चलते पाटीदार आंदोलन इतना मजबूत हुआ कि इसकी रैलियों में लाखों लोग आने लगे थे और देश में ये एक बड़ा आंदोलन बन गया। दो दशक से भी ज्यादा समय से गुजरात में सत्ता में कायम BJP को चुनावों में हारने का डर सताने लगा था।

Punjab Congress: कांग्रेस को लग सकता है एक और बड़ा झटका

2017 के विधानसभा चुनावों में इस आंदोलन का असर बीजेपी (#GujratBJP) की जीत पर भी दिखा। BJP ने सरकार तो बना ली, लेकिन पिछले चुनावों के मुकाबले पार्टी को 16 सीटें कम मिली और वह सिर्फ 99 सीटें ही जीत पाई। हार्दिक पटेल ने इस साल चुनाव में कांग्रेस को समर्थन दिया था, जिसका फायदा कांग्रेस को पिछली बार के मुकाबले 16 सीटें के तौर पर मिला। कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी। यह कांग्रेस का गुजरात में 30 सालों में सबसे अच्छा चुनावी प्रदर्शन था।

इसके बाद हार्दिक मार्च 2019 में लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस में शामिल हुए और जुलाई 2020 में उन्हें गुजरात में पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। हालांकि, 2 साल के भीतर ही वो कांग्रेस में अलग थलग पड़ गए और उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

गुजरात में पाटीदार वोटर 14% से ज्यादा हैं, इसमें कड़वा और लेउवा पटेल आते हैं। 1984-85 से ही पाटीदार समुदाय BJP का पक्का वोट बैंक रहा है। इसकी वजह कांग्रेस नेता और गुजरात के 4 बार मुख्यमंत्री रहे माधव सिंह सोलंकी की KHAM थ्योरी को माना जाता है। सोलंकी प्रदेश में पटेल को छोड़कर KHAM यानी क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी, मुस्लिम को तवज्जों देते थे। इसी वजह से वो पाटीदारों को कांग्रेस से दूर करते रहे।

BJP 2015 से लेकर अभी तक पटेल वोट को अपने पाले में बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। ऐसे में हार्दिक पटेल के बीजेपी में आने से पटेलों का बड़ा साथ बीजेपी को दोबारा मिल सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि जो पाटीदार BJP से दूर हुए थे वे हार्दिक के आने से फिर से एक बार पार्टी के साथ आ जाएंगे।

माना जाता है कि 1.5 करोड़ की आबादी के साथ पाटीदारों का 182 विधानसभा सीटों में से 70 पर ख़ासा असर है। गुजरात में कई मुख्यमंत्री पाटीदार समुदाय से आएं हैं। इनमें चिमनभाई पटेल, केशुभाई पटेल, बाबूभाई पटेल, आनंदीबेन पटेल और मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल शामिल हैं।

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